एग्रीमेंट ऑन रेसिप्रोकल लॉजिस्टिक यानि ARLS समझौते के तहत रक्षा क्षेत्र में निर्यात बढ़ाने के लिए भारत और रूस मिलकर काम करेंगे। नए समझौते के तहत भारत और रूस एक दूसरे के सैन्य ठिकानों को रसद और ईधन के जरूरतों के लिए इस्तेमाल कर सकेंगे। इससे दोनों देशों के बीच माल ढुलाई और सैन्य ऑपरेशंस में सहयोग बढ़ेगा। इससे बड़ा फायदा भारतीय नौसेना को होगा जो बड़े स्तर पर रूसी मूल के शिप्स का इस्तेमाल करती है। समझौते के बाद ये शिप्स सप्लाई और ईधन की जरूरतों के लिए रूस के बंदरगाहों का इस्तेमाल कर सकेंगे। इनमें आर्कटिक महासागर से जुड़े बंगरगाह भी शामिल होंगे। साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मॉस्को में कहा है कि भारत और रूस को मिलकर रक्षा उत्पादन करना चाहिए। साथ ही इन उत्पादों के निर्यात लिए एक प्लेटफॉर्म भी खड़ा करना चाहिए। इससे भारत और रूस दोनों ही बढ़त हासिल कर सकते हैं। दोनों देश मिलकर ऐसा प्लेटफॉर्म खड़ा कर सकते हैं, जिससे यह उत्पाद दूसरे देशों को बेचे जा सकें।
Guests: Anil Trigunayat, Former Ambassador, Ajay Banerjee, Defence Correspondent, The Tribune, Maj. Gen. (Retd.) Dhruv C Katoch, Director, India Foundation,
Anchor: Kavindra Sachan
Producer: Sagheer Ahmad
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